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क्रिया विशेषण

 प्रिय मित्रों एव पाठको आप सभी को मेरा नमस्कार में आज आप सभी को क्रिया विशेषण के बारे मे बताता हूँ। क्रिया विशेषण-क्रिया की विशेषता बताने वाले शब्दो को क्रिया विशेषण कहते हैं। क्रिया विशेषण चार प्रकार के होते हैं।(1)रीतिवाचक(2)कालवाचक (3)स्थानवाचक(4)परिणामवाचक । (1)रीतिवाचक-वे क्रिया विशेषण जिसमे रीति(ढ़ग) का बोध हो उसे रीतिवाचक क्रिया विशेषण कहते हैं।पहचान-जरा धीरे-धीरे झटपट सहसा अचानक  तेज आदि।उदा-जरा तेज चलो।(2)कालवाचक-वे   क्रिया विशेषण जिसमे समय का बोध हो उसे कालवाचक क्रिया विशेषण कहते है।पहचान-कल परसो आज अभी शाम सुबह दोपहर रात दिन लगातार निरन्तर इसी वकत आदि।उदा-लगातार वर्षा हो रही हैं।(3)परिणामवाचक-वे क्रिया विशेषण जिसमे परिणाम का बोध हो उसे परिणामवाचक क्रिया विशेषण कहते हैं। पहचान-कम ज्यादा थोडा अधिक उतना जितना बराबर आदि।उदा- जितना चाहिए ले लो।(4)स्थानवाचक-वे क्रिया विशेषण जिसमे स्थान का बोध हो उसे स्थानवाचक क्रिया विशेषण कहते हैं। पहचान-बाए दाए अगल बगल ऊपर नीचे आस पास दुर नजदीक आदि।उदा-राम मोहन के बगल वाले बैठा है।

विशेषण का परिचय

 पिय दोस्तों एव पाठको आप सभी को मेरा नमस्कार म आज आप सभी को हिंदी में विशेषण के बारे में बताता हूँ । विशेषण की परिभाषा-सज्ञा एव सर्वनाम की विशेषता बताने वाले शब्दो को ही विशेषण कहते हैं। विशेषण पांच प्रकार के होते हैं। (1)गुणवाचक (2)परिणामवाचक(3)सकेंतवाचक(4)सख्या वाचक(5)व्यकितवाचक।(1)सकेंतवाचक-वे विशेषण जिसमे किसी ओर की तरफ इशारा किया जाता है उसे संकेतवाचक विशेषण कहते हैं।उदा-इस कमरे मे कोही है (2)सख्यावाचक-वे विशेषण जिसमे संख्याओ का बोध हो उसे संख्यावाचक विशेषण कहते हैं। संख्यावाचक विशेषण दो प्रकार के होते हैं।(1)निश्चयवाचक(2)अनिश्चितवाचक।उदा(१)इस कक्षा में बीस छात्र हैं (२)बस में कुछ बच्चे बेठ है।(3)व्यक्तिवाचक-वे विशेषण जो व्यकितवाचक संज्ञा से बने हो उसे व्यकितवाचक विशेषण कहते है।उदा-राम  जयपुर जाता है।(4)परिणामवाचक-वे विशेषण जिसमे परिणाम का बोध हो उसे परिणामवाचक विशेषण कहते हैं।परिणामवाचक विशेषण दो प्रकार के होते हैं।(१)निश्चयवाचक(२)अनिश्चतवाचक।उदा(१)राम दो लीटर पानी पी जाता है।(२)राधा मोहन से अधिक दुध ला रही हैं।(5)गुणवाचक-वे विशेषण जिसमे किसी के गुणो का बोध हो उसे गुणवाच...