विशेषण का परिचय

 पिय दोस्तों एव पाठको आप सभी को मेरा नमस्कार म आज आप सभी को हिंदी में विशेषण के बारे में बताता हूँ । विशेषण की परिभाषा-सज्ञा एव सर्वनाम की विशेषता बताने वाले शब्दो को ही विशेषण कहते हैं। विशेषण पांच प्रकार के होते हैं। (1)गुणवाचक (2)परिणामवाचक(3)सकेंतवाचक(4)सख्या वाचक(5)व्यकितवाचक।(1)सकेंतवाचक-वे विशेषण जिसमे किसी ओर की तरफ इशारा किया जाता है उसे संकेतवाचक विशेषण कहते हैं।उदा-इस कमरे मे कोही है (2)सख्यावाचक-वे विशेषण जिसमे संख्याओ का बोध हो उसे संख्यावाचक विशेषण कहते हैं। संख्यावाचक विशेषण दो प्रकार के होते हैं।(1)निश्चयवाचक(2)अनिश्चितवाचक।उदा(१)इस कक्षा में बीस छात्र हैं (२)बस में कुछ बच्चे बेठ है।(3)व्यक्तिवाचक-वे विशेषण जो व्यकितवाचक संज्ञा से बने हो उसे व्यकितवाचक विशेषण कहते है।उदा-राम  जयपुर जाता है।(4)परिणामवाचक-वे विशेषण जिसमे परिणाम का बोध हो उसे परिणामवाचक विशेषण कहते हैं।परिणामवाचक विशेषण दो प्रकार के होते हैं।(१)निश्चयवाचक(२)अनिश्चतवाचक।उदा(१)राम दो लीटर पानी पी जाता है।(२)राधा मोहन से अधिक दुध ला रही हैं।(5)गुणवाचक-वे विशेषण जिसमे किसी के गुणो का बोध हो उसे गुणवाचक विशेषण कहते हैं।उदा-नागौरी बैल शक्तिशाली है। धन्यवाद आपका साथी भाई  R k  पोस्ट कैसी लगी। कृपया शेयर एव लाईक जरुर करे।

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